जिस जगहां बैठ के जाते हो तुम मैं अक्सर उसी पर लेटी रहती हूँ घंटों,
तुम्हारे जाने के बाद मैं अक्सर उस गिलास को रखती हूँ संभाल के जिसमें पीते हो तुम पानी बार बार,
तुम्हारी बातों को याद करके मैं अकेले में मुस्कुराते रहती हूँ,
तुम्हारे जाने के बाद मैं अक्सर अपने घर को रहने देती हूँ वैसे ही,
तुम्हारे जाने के बाद मैं ना जाने कब तक बालकनी में खड़े उसी गली को ताकती रहती हूँ जिस गली से तुम आए थे,
तुम्हारे जाने के बाद मैं अक्सर उन सीढिय़ों पर चढ़ती उतरती रहती हूँ,
हाँ तुम्हारे जाने के बाद मैं अक्सर रखती हूँ खुद को तुम्हारे साथ सिर्फ तुम्हारे साथ।।
©️मूमल