ये जिस्म खाक हो जाएगा ये वक्त बदल जाएगा
इश़्क की किताबों के किस्से रह जाएंगे
लाइब्रेरी की दराजों में दर्ज हो जाएंगे
तुम देख लेना जाना इश़्क की खुशबू
महसूस होगी सुबहों शाम दरख्तों से
देख लेना हम मिलेंगें इस जहाँ के उस पार
जहाँ इश़्क रिश्तों रिवाज़ों का मोहताज नहीं।
©️मूमल